मैं भीग गयी और ऐसी डूब गयी, हाँ! मन मिलने का आभास हुआ मैं भीग गयी और ऐसी डूब गयी, हाँ! मन मिलने का आभास हुआ
कभी गंदा ना बनाएंगे मन गंदा ना बनाएंगे। कभी गंदा ना बनाएंगे मन गंदा ना बनाएंगे।
बच्चों को जैसा मिला बचपन में परिवेश वैसा ही है आजकल यह समाज यह देश। बच्चों को जैसा मिला बचपन में परिवेश वैसा ही है आजकल यह समाज यह देश।
कितना सच्चा, रंग प्रीत का होता। जिसको कोई तोड़ नहीं है पाता। कितना सच्चा, रंग प्रीत का होता। जिसको कोई तोड़ नहीं है पाता।
किसी राज्य की भाषा है तू, किसी राज्य की भाषा है तू,
पवित्र है हम बताना क्यों हमें मन तन से पवित्रता बखान बताना क्यों हमें पवित्र है हम बताना क्यों हमें मन तन से पवित्रता बखान बताना क्यों हमें